Budhe Ne Apni Jawan Bahu KO Choda!!!!

Budhe Ne Apni Jawan Bahu KO Choda!!!


होली आ गयी, रामखेलावन बुड्ढे को चूत मारने का मन कर रहा था। अस्सी की उमर में बतीसी तो निकल गयी थी पर लंड बुड्ढे का साबूत था अब भी। एक दम झक्कास, बिना किसी दोष के एक दम जवान लंड की तरह। बुड्ढी तो कब की खाट पकड़ चुकी थी और ऐसे में उसकी चूत मारना एक दम बेकार ही था। वैसे भी उसका भोसड़ा अब सूख कर छुहारे जैसा हो गया होगा। ऐसे में रामखेलावन को याद आया, उसकी बहु जो कि अक्सर अकेले ही रह रही है, क्योंकि बेटा मुंबई में गया हुआ है, और वो दो सालों से अकेले रह के बोर हो रही होगी, फागुन माह में तो कुतिया की चूत भी खुजलाने लगती है चुदाने के लिए तो यह तो मामला वैसे भी उसकी बहु का था। दो सालों से लंड का स्वाद न चखने पर उसकी बहु को कैसा लगता होगा।


यह सोच कर रामखेलावन लोटा लेकर हगने चला। धोती उपर उठा, ली। आज लंगोट नहीं पहनी थी, सो लँड बाहर लटक रहा था, ठिक वैसे ही जैसे कि गदहे का लंड लटकता रहता है। इसलिए उसने जानबूझ कर भी अपना लौंडा लटका के दिखाने के लिए लोटा पकड़ लिया। अब उसका आठ इंच का लंड बाहर लटक रहा था। चापाकल पर वो डंडा लेकर टेकते हुए पहुंचा तो बहु से कहा – बहु जरा चापाकल तो चला दो! लोटा भरना है, झाड़ा फिरने जाना है। धनिया ने बाहर निकल कर घूंघट में से झांकते हुए जैसे ही चापाकल पर आई, तो देखा कि बाबा का लंड तो एक दम साबूत लटका हुआ है। बुड्ढे ने पूछा – रामू आ रहा है क्या होली में। तो बोली नहीं बगल के मोबाइल मे फोन आया था कि अगली होली में आएंगे। बुड्ढे की आंखें चमक उठीं। बोला कि बहुत दुख है बहु तुमको क्या बताएं। और फिर झाड़ा फिरने चला गया। जब रात हुई तो आंगन में बुड्ढा बुड्ढी सो गये।


बुड्ढे को नींद नही आ रही थी। वो उठ के बहु के कमरे में चला गया और वहां जाकर उसने अपनी बहु को जगाया। बोला बहु जरा पैर दरद कर रहे हैं तेल लगा के दबा दो ना! बहु ने कहा अच्छा बाबूजी और तेल सरसों का लाकर पैरों में लगाने लगी। जैसे ही जवान बहु ने बुड्ढे के पैर को छुआ बुड्ढे का लंड टन टना के खड़ा हो गया। उसने बहु को कहा जरा उपर लगाना। धनिया को लाज लग रही थी, और बाबूजी उसका हाथ पकड़ के उपर कर के बोल रहे थे कि जरा और उपर। धनिया समझ गयी। उसे भी दो सालों से लंड महाराज के दर्शन नहीं हुए थे। उसने ढिबरी बुझा दी और बुड्ढे का साबूत लंड सीधा ही पकड़ लिया। बुड्ढा खुश हो गया। बोला बहु अब मेरे बकसे में रखा खजाना तेरा हो जाएगा। वैसे भि बुड्ढी अब गहनों का क्या करेगी। और धनिया ने बुड्ढे के लंड में तेल की मसाज शुरु कर दी।


 बुड्ढे का लंड खड़ा होकर दस इंच का हो गया। धनिया चौकते हुए बोली आपका लंड बुढ्ढा नहीं हुआ बाबूजी अभी तो ये पूरा ही साबूत है। बुड्ढे ने कहा, आजकल के लौंडो में दम कहां हम तो पचास सौ दंड रोज पेलते थे और फिर दो किलो दूध और एक किलो दही खा कर मस्तीकरते थे। आज कल के लौंडे साले गुटखा पान खा कर के अपनी सेहत खराब कर लेते हैं उपर से हस्तमैथुन करके और कमजोर हो जाते हैं

बहु के साथ देशी मुखमैथुन


इस बात को सुन कर धनिया ने बुड्ढे का लंड मुह में ले लिया और चूसने लगी। रामखेलावन बोल रहा था आह बहू रहने दो ये क्या कर रही हो हम सब ये तो नहीं करते हैं, पाप लगता है। गाली देते हुए धनिया ने कहा कमीने बहु चोदने से बडा पाप क्या है और अगर अब चोद ही रहे हो तो अच्छे से मजा लो। ये नये लोगों के खेल हैं जो बुड्ढे नहीं जानते। और फिर धनिया ने मुह में लंड लेकर चूसना शुरु कर दिया। बुड्ढा हाय आह आह ये क्या, आह मुह में ही मलाई ले लोगी तो चूत में क्या दूंगा, यह सब करता रहा। धनिया ने लंड को चूस कर लोहा बना दिया। अब बुड्ढा खड़ा हो गया और बहु का चिर हरण करने लगा। धनिया को नंगा कर उसके चूंचे पकड़ लिये और चूसने लगा। अपना लंड खडा देख कर उसे जोश आ रहा था और उसने धनिया को खाट पर लिटा कर के चोदने के लिए उसके पैर खाट से किनारे खींच लिये और पेटीकोट उपर उठा कर चूत में झांटों के बीच छेद टटोलने  लगा। बस जैसे ही छेद हाथ आया, उसने सुपाड़ा रगड़ कर अंदर लंड ठोंक दिया। जैसे ही मोटा लंड अंदर गया, धनिया की आंखों में आंसू आ गये, कुछ खुशी के आंसू कुछ दर्द के आंसू।




खुश इसलिए थी कि उसे मरद के लंड का विकल्प मिल गया था और दखी इसलिए थी कि उसे बहुत दिनों से चूत के बंद पड़े दरवाजे को इतने मोटे लंड से अचानक खोल देने पर दरद हुआ था। लंड से पेलकर बुड्ढा उसे निहाल कर रहा था, वो सच में रामू उसके मरद का बाप निकला। दनादन आधे घंटे तक चोदते हुए बुड्ढे ने मस्त चोदा धनिया को और फिर धनिया ने बुडडे को लिटा कर उसके भाले जैसे लंड पर अपनी चूत रख कर चोदना शुरु कर दिया। 





लेटे लेटे बुड्ढा उसके चमत्कारी चूंचों से खेल रहा था और चूत धकाधक लँड को निगल रही थी। वाह रामखेलावन बुड्ढे ने अपनी बहू की चूत का उद्घाटन करके आज कमाल ही कर दिया था। पूरे रात बुड्ढे ने कभी उपर कभी नीचे रह के मजा लिया और जब वो लंड का सारा पानी खाली हो गया तो उसने बहु से मस्त सरसों के तेल से मसाज कराया और लंड को रिलैक्स करने का मौका दिया। अब रामखेलावन बुड्ढे की पतोह चोदने की गड्डी निकल पड़ी थी और उसने जम कर चोदना जारी रखा चूत को। अगली बार जब उसका बेटा रामू आया तो उसने भी चोदा अपनी बीबी को लेकिन तब तक चिड़िया हाथ से निकल चुकी थी। अगले सीजन में रामखेलावन ने अपनी बहु को एक सुंदर सा पोता दिया।


आपको कैसी लगीं? कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आप भी इनके कोई रोचक किस्से जानते हों तो हमें ज़रूर भेजें.

Comments

Popular posts from this blog

Gaav Ki badi doodhwali Chachi ko choda!!!

Mom Ko Uske Boss Ne Choda

lockdown mein chachi ki chut mari!!!